Natasha

Add To collaction

रुला देने वाली स्टोरी

कल्पना के माता-पिता उसकी शादी के लिए एक अच्छे लड़के की तलाश कर रहे थे तभी कल्पना के मामा एक लड़के के बारे में बताते है। वो कहते है कि लड़का का नाम राहुल है वह किसी कंपनी में मैनेजर के पद पर है और महीने के 70 हजार कमाता हैं। कल्पना के माता-पिता ने लड़के की फ़ोटो देखी तो उन्हें लड़का पसंद आ गया। जब कल्पना की माँ ने कल्पना को लड़के की तस्वीर दिखाई तो कल्पना ने कहा “जब आप दोनों को लड़का पसंद है तो मुझे भी पसंद है”

अब लड़का और लड़की वालों के परिवार ने मिलकर शादी की तारीख तय कर दी। कल्पना के माता-पिता बहुत खुश थे कि उनकी बेटी की शादी एक अच्छे घर में हो रही है। पूरे धूमधाम से कल्पना की शादी हो गई। अब कल्पना अपने बचपन के घर को छोड़ कर एक घर नए घर चली गई। कुछ दिन तो कल्पना को अपने माता-पिता और अपने घर की बहुत याद आई। 


कल्पना की शादी के अब महीने बीत गए थे। अब उसके पति राहुल पहले जैसा व्यवहार कल्पना के साथ करता था। कल्पना से वो चिड़ा-चिड़ा सा रहता था। राहुल अब न पहले जैसा कल्पना को प्यार करता और न ही उसकी बातों को मानता। कल्पना को समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करें। वो बस रोकर अपने दर्द को कम करने की कोशिश करती।


एक दिन कल्पना को पता चला कि राहुल सिगरेट पीने के बहाने छत पे जाता और किसी लड़की से बाते करता है। जब कल्पना ने राहुल से पूछा कि “आप रोजाना छत पे जाकर किससे बात करते है,” तो इसपे राहुल ने जवाब दिया कि “वो मेरे ऑफिस का फ्रेंड है बस उसी से बाते करता हु और तुम अपने काम से मतलब रखो ज्यादा CID बनने की जरूरत नहीं है”।


होली का दिन था राहुल के कुछ दोस्त उसके घर आये थे सभी ने घर पर पार्टी किया। उस दिन राहुल का एक दोस्त दोस्त थोड़ा ज्यादा ड्रिंक कर लिया था और उसने नशे में कल्पना के सामने जाकर कहा “भाभी आप इतनी प्यारी और मासूम हो फिर भी राहुल भाई दिन भर उस घमंडी नेहा से बाते करते रहते है, लगता है कि आप राहुल भाई का सही से खयाल नहीं रखते”। ये सुकर कल्पना का शक अब हकीकत बन चुका था।


अगली सुबह जब कल्पना ने राहुल से पूछा कि ये नेहा कौन है और क्या लगती है आपकी?


राहुल:- मैं तुम्हे क्यों बताऊ।


कल्पना: मैं बीवी हु आपकी।


राहुल:- देखो तुमसे पहले वो मेरे लाइफ में आई।


कल्पना:- तो फिर मुझसे शादी क्यों किया।


राहुल:- बस तुम अच्छी लगी इसलिए शादी कर लिया।


कल्पना:- अब तुम देखना मैं उस कामिनी लड़की को कैसे सबक सिखाता हु।


नेहा को कब कल्पना ने कामिनी कहा तो राहुल ने गुस्से में कल्पना को बहुत मारा और उसे कमरे में बंद कर दिया।


कल्पना के सास को सब पता था फिर भी वह अपने बेटे के सामने एक शब्द भी नहीं बोलती थी। शाम को जब राहुल आया तब उसने रूम का दरवाजा खोला। उस दिन कल्पना की तबियत खराब हो गयी फिर भी उसी हालत में उसने खाना बनाया। कल्पना ये सारी बाते अपनी माँ को बताना चाहती थी लेकिन चाह कर भी वह नहीं बता पा रही थी क्योंकि वह जानती था कि अगर उसके माता-पिता को ये सब पता चलेगा तो वह परेशान हो जाएंगे।


राहुल अब कल्पना के साथ नौकरानी जैसा व्यवहार करने लगा। छोटी-छोटी बातों पे उसे मारता। कल्पना अब धीरे-धीरे डिप्रेशन का शिकार होने लगी। उसके दिमाग में गलत-गलत खयाल आने लगे। अब न वो समय पे खाना खाती और न ही किसी से बात करती।


आखिरकार एक दिन कल्पना ने रूम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। कल्पना ने आत्महत्या का कारण किसी को नहीं बताया लेकिन उसके सास को बता था कि कल्पना ने आत्महत्या क्यों किया। दूसरी तरह कल्पना के माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। कल्पना की माँ ने पुलिस को आत्महत्या कारण उसके ससुराल वालों को बताया। पुलिस राहुल और उसके माता-पिता को ले गए। लेकिन पैसों के दम पर कुछ ही दिनों में राहुल और उसके माता पिता जेल से छूट गए।


जीवन में अक्सर अच्छा दिखने वाला इंसान अच्छा नही होता। उसके अंदर कही न कही बुराई छुपी होती है और वही बुराई किसी की ज़िंदगी को बर्बाद कर देती हैं। कुछ ऐसा ही कल्पना के साथ हुआ।

   0
0 Comments